Plastic Money क्या होता है। RBI ने MasterCard नेटवर्क कंपनी को क्यों दिया नए कार्ड न इशू करने का आदेश

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दोस्तों आजकल लगभग सभी लोग Plastic Money  का इस्तेमाल करते हैं चाहे वह ATM कार्ड के रूप में या क्रेडिट कार्ड के रूप में या किसी वाउचर कार्ड के रूप में।  Plastic Money  का सीधा अर्थ किसी न किस कार्ड से होता है जो प्लास्टिक से बना होता है। 

Plastic Money  में कार्ड का इस्तेमाल होता है जो किसी न किसी बैंक खाते से जुड़ा होता है।  प्लास्टिक मनी की सर्विस कोई न कोई बैंक या फाइनेंस कंपनी देती है।  प्लास्टिक मनी में कार्ड को स्वाईप किया जाता है जिससे किसी बिल का भुगतान किया जा सकता है या पैसे निकले जाते हैं। 

Debit Card और Credit Card  में क्या अंतर् होता है।

दोस्तों ATM का पूरा नाम ऑटोमेटेड टेलर मशीन होता है।  इसकी खोज जॉन शेफर्ड बर्रोंन द्वारा  1967 में इंग्लैंड में की गई थी। जॉन शेफर्ड बर्रोंन का जन्म 1925 में भारत के मेघालय राज्य के शिलॉन्ग जिले में हुआ था।  ATM के खोज करता एक भारतीय वैज्ञानिक थे। 

ATM Card  में  मुख्य तौर पर दो तरह के कार्ड होते हैं।  पहला Debit Card  कार्ड और दूसरा Credit Card ।

Debit Card -:

Debit Card  हमारे द्वारा बैंक में जमा किये गए पैसे को निकलने का एक जरिया होता है।  हमारा कार्ड हमारे बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है।  जैसे की पहले कोई भी धन राशि बैंक से निकलने के लिए आपको ख़ुदक चलकर बैंक  में जाना पड़ता था और अपनी पास बुक या चेक बुक साथ लेकर जानी पड़ती थी।

बैंक में अपने खाते से पैसा निकलने के लिए आपको कोई न कोई withdrawal फॉर्म या चेक को भरके देना पड़ता था तभी जाकर आपको बैंक से पैसा मिलता था।  इस प्रक्रिया को करने में  काफी समय लग जाता था क्योंकि कभी कभी तो बैंक से पैसा निकलने के लिए लंबी लंबी  कतार में खड़ा होना पड़ता था। 

Debit Card
Debit Card

बैंक से मेनुअल पैसे निकलने के अपने फायदे और नुकसान होते थे।  सबसे बड़ा नुकसान यह होता था की इस सिस्टम में पैसा निकलने में काफी लंबा समय लग जाता था और पैसा तभी  निकल सकते थे जब बैंक खुला रहता था ,छूटी वाले दिन या रविवार को बैंक से पैसा नहीं  निकाल सकते थे। 

मैन्युअल पैसा निकलने का फायदा यह होता था की यह विधि सिक्योर होती थी।  इसमें धोखाधड़ी होने का डर कम होता था। 

डेबिट कार्ड से हम 24 घंटे कभी भी पैसे निकाल सकते हैं।  छुट्टी वाले दिन भी पैसे निकाल सकते हैं। 

डेबिट कार्ड क्यों होता है क्रेडिट कार्ड से ज्यादा सिक्योर

डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड की अपेक्षा ज्यादा सिक्योर होता है।  डेबिट कार्ड से पैसा निकालने के लिए एक सेक्युर्टी पिन इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है जबकि कुछ क्रेडिट कार्ड बिना पिन के भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं।

डेबिट कार्ड की पिन को रिसेट करने के लिए केवल रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही OTP आता है , जिससे आप कार्ड का पिन बदल सकते हैं।

Credit Card

Credit Card एक लोन की तरह होता है।  पुराने समय में लोग जब इमरजेंसी पैसा लेते थे तो उन्हें महंगा ब्याज चुकाना पड़ता था।  ये ब्याज 2 % से लेकर 10 % मासिक तक भी होता था।

आज के समय में बैंक से लिया जाने वाला तुरंत लोन क्रेडिट कार्ड होता है।  बैंक आपको एक कार्ड दे देता है और आपकी एक कर्ज की लिमिट बना दी जाती है।  इस कार्ड को आप जब मर्जी जरूरत के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं और वापिस बैंक को लोटा सकते हैं। 

क्रेडिट कार्ड सभी को इशू नहीं करता है।  यह कार्ड बैंक केवल ऐसे लोगो को ही देता है जिनकी महीने की कोई न कोई आय होती है और उनका लेन देन सही होता है।

Credit Cards
Credit Cards

बैंक शुरुआत में क्रेडिट कार्ड की लिमिट कम रखता है लेकिन सही लेन देन करते रहने पर बैंक यह लिमिट बढ़ाता रहता है।

क्रेडिट कार्ड में लगभग 20 दिन से लेकर 50 दिन तक कर्ज पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ता है।  यह समय क्रेडिट कार्ड बिल डेट और बिल पेमेंट डेट पर निर्भर करता है।  अगर आपकी बिल डेट 12 तारीख है और आप क्रेडिट कार्ड से 13 तारीख को खरीददारी करते हैं तो आपको 50 दिन का ब्याज फ्री समय मिलेगा और अगर यही खरीददारी आप 11 तारीख को करते हैं तो आपको केवल 20 दिन का समय ब्याज फ्री मिलेगा जिसमे आपको खर्चे गए धन पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ेगा।

क्रेडिट कार्ड के फायदे और नुकसान।

क्रेडिट कार्ड के फायदे :

– क्रेडिट कार्ड के द्वारा सामान खरीदने पर की कंपनियां कैश बेक दे देती हैं।

डेबिट कार्ड की तुलना में क्रेडिट कार्ड पर ज्यादा ऑफर मिलते हैं।

क्रेडिट कार्ड पर कुछ रिवॉर्ड पॉइंट मिलते हैं।

क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने पर बोनस कूपन मिल जाता है।

फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे ऑनलाइन वेबसाइट पर भी क्रेडिट कार्ड के लिए छूट वाले ऑफर्स आते रहते हैं।

कुछ जगहों पर तो केवल क्रेडिट कार्ड ही इस्तेमाल होता है वहां पर किसी और तरिके से पेमेंट नहीं ली जाती।

क्रेडिट कार्ड के नुकसान

क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से फिजूल खर्ची बढ़ जाती है।

अपनी औकात से बहार भी व्यक्ति खर्च करने लग जाता है।

Shopping With Credit Card
Shopping With Credit Card

क्रेडिट कार्ड से कैश निकलने पर प्रोसेसिंग फीस बहुत  ज्यादा लगती है।

क्रेडिट कार्ड की देय तारीख पर रीपेमेंट न करने पर इसकी ब्याज दर बहुत महंगी होती है।

ओवरडु होने पर 4 % या 5 % तक का मासिक ब्याज लगता है।

क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड की तरह सिक्योर नहीं होता।

अगर क्रेडिट कार्ड चोरी या गुम हो जाता है तो इससे नुकसान होने का डर होता है।

VISA , MasterCard या RuPay कार्ड कौन सा अच्छा होता है।

दोस्तों शुरू शुरू में जब डेबिट कार्ड लांच हुआ था तो जिस बैंक का कार्ड होता था उसी बैंक के ATM इस्तेमाल हो सकता था , केवल उसी बैंक के ATM से पैसे निकाल सकता था।  ऐसा इस लिए होता था क्योंकि उस वक्त एक बैंक अपना डाटा दुसरे बैंक के साथ शेयर नहीं करता था।

डाटा शेयरिंग की इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने कार्ड नेटवर्क को लांच किया। हर एटीएम और क्रेडिट कार्ड का एक नेटवर्क होता है जो की उस कार्ड पर लिखा होता है जैसे की VISA कार्ड , MasterCArd  या RuPay कार्ड।  ये सभी कार्ड नेटवर्क्स हैं जो कार्ड इशू करते हैं। 

कार्ड नेटवर्क क्या होता है

कार्ड नेटवर्क बैंको के बीच में एक माध्यम की तरह से काम करता है। इनके पास हर बैंक के खाता धारको का डाटा होता है लेकिन ये किसी बैंक के साथ शेयर नहीं करते हैं।

कार्ड नेटवर्क के माध्यम से ही एक बैंक के डेबिट कार्ड से दुसरे बैंक की ATM मशीन से पैसा निकलने की सुविधा दी गई।

आपको पता होगा की बैंक अपने ग्राहकों से डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने के चार्जेज काटता है ये चार्जेज कार्ड नेटवर्क को ही पे किये काटे हैं।  जो की एक माध्यम होने की फीस चार्ज करता है।

card network
card network

VISA और MasterCard दोनों कार्ड नेटवर्क कंपनियां अमेरिका की हैं।  VISA कंपनी ने तो लगभग 50% मार्किट पर राज किया हुआ है और MasterCard लगभग 30 % मार्किट पर बैठी हुई है।

ये दोनों कंपनियां अपने देश या विदेश से पैसा निकलने की सुविधा देती हैं।

RuPay कार्ड भारत का नेटवर्क कार्ड है जो अपने देश में लगभग 20% मार्किट को कवर किये हुए है। RuPay कार्ड शुरू में केवल भारत में ही चलता था लेकिन RuPay कार्ड ने एक प्लेटिनम कार्ड निकला है जो इंटरनेशनल लेवल पर भी चलता है।

दोस्तों सभी नेटवर्क कार्ड कंपनियां , खाता धारको का डाटा रखने के लिए एक डाटा स्टोर करने की जगह बनाती हैं जो बड़े बड़े सर्वरों में रिकॉर्ड किया जाता है। 

VISA और MasterCard दोनों कम्पनिया विदेशी हैं लेकिन VISA ने भारत के लोगो का डाटा सेव करने के लिए अपना ऑफिस भारत में ही बनाया हुआ है लेकिन MasterCard ने अभी तक अपना ऑफिस भारत में नहीं बनाया हुआ था।

RBI ने MasterCard नेटवर्क कंपनी को क्यों   दिया नए कार्ड न इशू करने का आदेश 

दोस्तों 2019 में  RBI ने नई गाइडलाइन जारी की थी की भारत में केवल वो कार्ड नेटवर्क ही काम करेंगे जिनका लोकल ऑफिस भारत में है और वो भारत के लोगो का डाटा भारत में ही रखते हैं।   RBI ने यह समय सीमा 22 जुलाई 2021 रखी थी लेकिन MasterCard अभी तक भी भारत में अपना ऑफिस नहीं खोल सका है।  इसलिए RBI ने यह बोल दिया है की MasterCard नेटवर्क अब  भारत में नए कार्ड नहीं इशू कर सकता।   

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